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Click hereपड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे
CHAPTER-5
रुपाली-मेरी पड़ोसन
PART-20
सुपर संडे ईशा की तयारी
अब ईशा ने होले से अपने कांपते हुए अधरों को मेरे होंठों पर रख दिया। मिन्ट की मीठी और ठंडी ख़ुशबू मेरे अन्दर तक समा गई। संतरे की फांकों और गुलाब की पत्तियों जैसे नर्म नाज़ुक रसीले होंठ मेरे होंठों से ऐसे चिपक गए जैसे कि कोई चुम्बक हों। फिर उन्होंने अपनी जीभ मेरे होंठों पर फिराई। पता नहीं कितनी देर मैं तो मंत्रमुग्ध-सा अपने होश-ओ-हवास खोये खड़ा रहा।
मेरा मुंह अपने आप खुलता गया और ईशा की जीभ तो मानो इसका इन्तजार ही कर रही थी। उन्होंने गप्प से अपनी लपलपाती जीभ मेरे मुंह में डाल दी। मैंने भी मिश्री और शहद की डली की तरह उनकी जीभ को अपने मुंह में भर लिया और किसी कुल्फी की तरह चूसने लगा। फिर उन्होंने अपनी जीभ बाहर निकाल ली और मेरा ऊपर का होंठ अपने मुंह में भर लिया। ऐसा करने से उनका निचला होंठ मेरे मुंह में समा गया। जैसे किसी ने शहद की कुप्पी ही मेरे मुंह में दे दी हो। मैं तो चटखारे लेकर उन्हें चूसता ही चला गया। ऐसा लग रहा था जैसे हमारा यह चुम्बन कभी ख़त्म ही नहीं होगा।
एक दूसरे की बाहों में हम ऐसे लिपटे थे जैसे कोई नाग नागिन आपस में गुंथे हों। उनकी चून्चियों के चुचूकों की चुभन मेरी छाती पर महसूस करके मेरा रोमांच तो जैसे सातवें आसमान पर ही था। फिर उन्होंने मेरे गालों, नाक, ठोड़ी, पलकों, गले और माथे पर चुम्बनों की जैसे झड़ी ही लगा दी। अब मेरी बारी थी मैं भला पीछे क्यों रहता मैं भी उनके होंठ, गाल, माथे, थोड़ी, नाक, कान की लोब, पलकों और गले को चूमता चला गया। उनके गुलाबी गाल तो जैसे रुई के फोहे थे। सबसे नाज़ुक तो उनके होंठ थे बिल्कुल लाल सुर्ख।
मैंने ईशा की चूसने लग और ईशा मेरी जीब चूसने लगी फिर ईशा मेरी झीब से खेलने लगी और मैं ईशा की झीभ से खेलने लगा जो ईशा करती थी मैं भी वही कर उसका जवाब देता था वह जीभ फिराती मैं जीभ फिराता वह ओंठ चूसती मैं ओंठ चूसता वह मेरे साथ लिपट गयी उसका बदन मेरे बदन से चिपक गया उसके दूध मेरी छाती में दब गए थे ईशा के हाथ भी मेरे बदन पर फिर रहे थे। हम दोनों एक दुसरे को बेकरारी से चूमने लगी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। कम से कम 15 मिनट हम एक दुसरे के लबों को चूमते रहे मैं तो इतना उत्तेजित हो गया था कि मुझे तो लगने लगा था मैं पैन्ट में ही झड़ जाऊँगा। फिर ईशा रुक कर सांस लेती हुई बोली सच मज़ा आ गया l
उसने मेरे गालो पर एक किश कर दी ।मेरा लंड सलामी देने लगा पर मैंने उसे दबा दिया पर मुझे लगा ईशा ने मेरा खड़ा लंड महसूस कर लिया था और वह मुझे देख कर मुस्कुरा दी तो मैं भी मुस्कुरा दिया।
उसने मेरे लंड पर हाथ रख कर बोली चलो टेबल पर चलते हैं तो मैंने कहा ईशा रुको मेरी बात सुनो ।
ईशा तुम कुंवारी हो और मेरा मानना है पहला मिलन हर लड़की के लिए ख़ास होना चाहिए ताकि वह से हमेशा याद रहे और उसकी मीठी यादें उसके जहाँ में हमेशा बनी रहें तो मैं चाहता हूँ इस मौके को ख़ास बनाया जाए ।
तो ईशा बोली फिर आप क्या करना चाहते हैं मैंने कुछ सोचा और सोफे पर बैठ गया और ईशा को अपनी टांगो पर बिठा कर चूमा और अपना मोबाइल फ़ोन उठा कर कुछ फ़ोन मिलाये और। फिर मैंने ईशा के माप के कपड़ो के लिए एक दूकानदार को बोला और उसने ईशा और मेरे कपडे होटल में पहुँचा दिए। फिर ईशा से बोला मैंने होटल में कमरा बुक करवा दिया है और उसको सजाने को भी बोल दिया वही चलते हैं । ।उसके बाद मैंने ईशा से पुछा तुम किसी पारलर वाली को जानती हो।
तो ईशा बोली मैं अपनी पहचान वाले ब्यूटी पारलर वाली को वहीँ बुला लेती हूँ ।
फिर मैंने टैक्सी बुलाई और दोनों चुपके से उसमे बैठ कर होटल में चले गए वह ब्यूटी पारलर वाली भी आगयी थी और होटल वालो ने उसे उस कमरे में जाने दिया था और वहाँ उसने अपना सब सामन सजा कर त्यार कर लिया था । उस समय घड़ी में 12 बजे थे ।
वो वहाँ ईशा की त्यार करने ले गयी । ये हनीमून सूट के नाम का स्पेशल कमरा था जिसमे एक बैडरूम... एक त्यार होने का कमरा और बाक़ी बहुत सारी अन्य सुविधाएँ थी।
।वह पारलर वाली की शक्ल जीतू से बिलकुल मिलती थी तो मैंने उससे पुछा तुम क्या जीतू को जानती हो तो वह मुस्कुरा दी । इस मुस्कराहट की कहानी ईशा की कहानी के बाद।
पारलर वाली ने एक लड़की को मेरे पास भेजा। बोली मैंने इसे सब समझा दिया है ये जो तुम चाहोगे वह सब करेगी। वह मेरे पास आयी और मुझे दुसरे कमरे में ले गयी जहाँ से मैं ईशा को त्यार देख सकता था पर ईशा को नहीं मालूम था मैं उसे देख रहा हूँ । वह लड़की जिसका नाम रीती था बहुत सुन्दर थी। पर अभी मेरे दिल दिमाग़ में ईशा ही घूम रही थी।तो मैंने अपने सब बाल साफ़ करने को कहा। तो मेरा लंड देख कर वह बोली सर मैडम ने आपका ख़ास ख़्याल रखने को कहा है।
तो मैंने कहा रीती अभी सिर्फ़ बाल साफ़ कर दो... बाक़ी काम जल्द ही करेंगे । सफ़ाई करवाने के बाद रीती ईशा के पास चली गयी और ईशा और अपने सब कपडे उतार कर उसके पूरे शरीर की मालिश की, रीती और ईशा का गोरा नंगा बदन देख मेरा लंड खड़ा हो गया तो तभी पारलर वाली लड़की जिसका नाम हेमा था मेरा लंड सहलाने लगी तो मैंने उसे आँख मारी और तौलिए लपेट कर जहाँ ईशा के मालिश हो रही थी वही चला गया और फिर हेमा ने रीती को मेरे पास भेज दिया और उसने मेरी भी मालिश कर दी, उसके बाद हम चारो नेमिल कर हल्का-सा भोजन किया।
फिर हेमा बोली अब आप बाहर जाओ और नहा कर त्यार हो जाओ और बोली रीती आपको त्यार कर देगी और उसके बाद मैं बाहर आ या तो हेमा बाहर छोड़ने आयी और मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी तो मैंने उसे रोक दिया अभी नहीं चार बजे आना और रीती को भी सजा कर त्यार कर ले कर आना।...उसके बाद हेमा ने ईशा को नहलाया और रीती ने मुझे नहलाया और त्यार कर दिया और मेरा खड़ा लंड फुफकारता रहा।
इतने में ईशा त्यार हो कर आयी तो वह लहंगा चोली, गहने नाक में नथ, माथे पर टीका पट्टी बालो में गजरा, मेकअप में ग़ज़ब की लग रही थी।
ईशा मेरे गले लग गयी और बोली आपने मेरा सपना पूरा कर दिया है अगर आप न होते तो मैं कभी भी इतनी सुन्दर दुल्हन न बन पाती तो मैंने कहा ईशा तुम हो ही इतनी सूंदर के कुछ भी पहन लो सुन्दर हो लगती हो और बिना कपड़ो के और भी सुन्दर लगती हो । तो वह शर्मा गयी तो ईशा ने मुझे एक कातिल स्माइल दी और मेरे को एक मुक्का मारा और बोली बहुत मस्ती सूझ रही है आपको फिर पारलर वाली हेमा ने ईशा को एक फूलो हार दिया जो उसने मेरे गले में डाल दिया और मेरे चरण छु कर बोली मैंने आज से आपको आपने सब कुछ मन लिया है तो मैंने उसे उठाया वह हार उतार कर उसके गले में डाला और उसे अपने गले से लगा कर बोलै तुम्हारी जगह पैरो में नहीं मेरे दिल में हैl
फिर हेमा ईशा को ले गयी और बोली आप थोड़ी देर यही रुकोl फिर वह मेरे पास आयी तो मैंने उसे उसकी फीस अदा की और इनाम भी दिया और हेमा बोली आप ईशा के पास जा सकते हो। फिर वह दोनों चार बजे आने का वादा कर चली गयी l
ईशा 18 साल की थी पर लगती थी जैसे 16 साल की कमसिन कली हो, लेकिन वह बला की खूबसूरत थी, हाईट 5 फुट 9 इंच, गोरी, भूरे बाल, पतली पर सही जगहों पर भरा हुआ मज़बूत मांसल बदन, वह एकदम पोर्नस्टार जैसी लगती थी। मेरी उससे बहुत कम बात हुई थी, लेकिन मुझे मालूम था कि आज इस जन्नत की सैर करने का मौका भगवान् ने दे ही दिया है। में आज लंबी नाज़ुक ईशा को जी भर कर प्यार कर्रूँगा ऐसी लड़की नसीब वाले को ही मिलती है कमरा गुलाब के फूलों से सज़ा था और सेज़ पर दुल्हन बानी ईशा बैठी थी।
उसके जाने के बाद मैं उस कमरे में चला गया जहाँ ईशा दुल्हन बनी मेरा इंतज़ार कर रही थी।
वो कमरा जिसे सुहागरात का कमरा आप कह सकते हैं उसे को बहुत शानदार तरीके से सजाया था-पूरे कमरे में फूल ही फूल। बिस्तर पर गुलाब के फूलों की पंखुड़ियाँ। पूरे कमरे में फूलों की ही महक! टी-स्टैंड पर स्पार्कलिंग शैम्पेन की बोतल एक कूलिंग बकेट में रखी थी और उसके साथ दो शंपाइओं ग्लास रखे हुए थे। दूसरे टी-स्टैंड पर चॉकलेट का डब्बा रखा हुआ था। कमरे में मूड लाइट्स थीं और कमरे में पहले से ही एक धीमा, रोमांटिक संगीत बज रहा था। स्टाफ की शरारत थी या कि दूर की सोच, लेकिन वहाँ पर कंडोम का एक पैकेट भी रखा हुआ था। उस बितर पर एक कोने में ईशा बैठी हुई थी उस समय दोपहर के लगभग 1 बज रहे थे कमरे के फल मिठाईया खाने पीने का सामान और केक भी रखा हुआ था ।
मुझे आया देख ईशा खड़ी हो गयी और फिर अचानक ही ईशा मेरे पैरों में गिर पड़ी। एक पल को मुझे लगा कि ईशा को शायद चक्कर आ गया। लेकिन जब उसके बाद ईशा को मैंने अपने पैर छूते महसूस किया, तो मैंने ईशा को कंधों से पकड़ कर उठा लिया और कहाl
"अरे! आप यह क्यों कर रही हैं?"
"इसलिए कि मैंने मन से आपको अपना पति और सब कुछ माना है!"
"अरे पगली, तो फिर उसके लिए पैर पड़ने की क्या ज़रुरत है? मैंने आपसे पहले भी कहाः था आप तो मेरे दिल की रानी हैं! आपकी जगह मेरे दिल में है! पैर में नहीं!
इतना सुनते ही ईशा मेरे से लिपट गई। सुहाग के सेज सजी हुई थी.तो ईशा ने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे किश किया और बोली आप बहुत अच्छे हो आपने कितना अच्छा इंतज़ाम किया है वह भी सिर्फ़ मेरे लिए। मुझे लगता है मैं कोई सपना देख रही हूँ।
कहानी जारी रहेगी
दीपक कुमार