ArinaGailArinaGail
NadysSNadysS
DeliciousDeeaDeliciousDeea
SofiSaenzSofiSaenz
AshleyQueenAshleyQueen
IsabellaEvaIsabellaEva
LaseStoneLaseStone
Swipe to see who's online now!

औलाद की चाह 077

Story Info
ड्रेस डॉक्टर पैंटी की समस्या.
1.3k words
4.5
199
00
Story does not have any rosa-blanca.ru

Part 78 of the 282 part series

Updated 04/27/2024
Created 04/17/2021
Share this Story

Font Size

Default Font Size

Font Spacing

Default Font Spacing

Font Face

Default Font Face

Reading Theme

Default Theme (White)
You need to Log In or Sign Up to have your customization saved in your Literotica profile.
PUBLIC BETA

Note: You can change font size, font face, and turn on dark mode by clicking the "A" icon tab in the Story Info Box.

You can temporarily switch back to a Classic Literotica® experience during our ongoing public Beta testing. Please consider leaving feedback on issues you experience or suggest improvements.

Click here
137 Followers

औलाद की चाह

CHAPTER 6-पांचवा दिन

तैयारी-

'परिधान'

Update-24

ड्रेस डॉक्टर पैंटी की समस्या ​

दीपू--मैडम, गोपालजी आपके डॉक्टर की तरह हैं। आपके ड्रेस डॉक्टर।

कमरे में कुछ देर चुप्पी छाई रही। दीपू और गोपालजी मुझे देख रहे थे और मैं अपने सूखे हुए होठों को गीला करके उन दोनों मर्दों के सामने अपने कॉन्फिडेंस को वापस लाने की कोशिश कर रही थी।

गोपालजी--हाँ, हाँ। मैडम, आप अपने डॉक्टर को अंतरंग बातें बताती हो की नहीं?

मुझे जवाब में सर हिलाना पड़ा।

गोपालजी--ये भी उसी तरह है। मैडम हिचकिचाओ नही। मुझे बताओ की पैंटी पूरी तरह से नितंबों से फिसलकर आपकी गांड की दरार में घुस जाती है? मेरा मतलब दोनों तरफ़ से? क्या आप इसको चेक करती हो?

मेरा चेहरा टमाटर की तरह लाल हो गया था। मेरे कान गरम होने लगे थे और मेरी साँसे तेज हो गयी थी। मेरा वर्बल ह्युमिलिएशन हो रहा था और मुझे लग रहा था कि मैं फँस चुकी हूँ। मैं उनसे बहस कर सकती थी लेकिन इससे आश्रम के और लोग भी वहाँ आ सकते थे। सभी के सामने तमाशा होने से मैं बचना चाहती थी। इसलिए मैंने चुप रहना ही ठीक समझा और अपने ह्युमिलिएशन को सहन कर लिया क्यूंकी जो भी हो रहा था वह इस बंद कमरे से बाहर नहीं जाएगा।

"नही, मेरा मतलब ज़्यादातर हिस्सा अंदर चला जाता है।"

गोपालजी--मुझे ठीक से समझ नहीं आया। देखो मैडम, अगर आप साफ़ साफ नहीं बताओगी तो मैं पैंटी के लिए सही कपड़े का चुनाव नहीं कर पाऊँगा।

मुझे समझ आ रहा था कि अगर मुझे ये किस्सा बंद करना है तो बेशरम बनना पड़ेगा।

"मेरा मतलब है कि पैंटी का कपड़ा सिकुड़कर इकट्ठा हो जाता है और अंदर चला जाता है! मेरा मतलब, वहाँ!"

गोपालजी--हम्म्म! आपका मतलब है कि कपड़ा एक रस्सी की तरह लिपट जाता है और आपकी दरार में घुस जाता है, ठीक?

मैंने सर हिला दिया।

गोपालजी--हम्म्म! मैडम, इसका मतलब आपके पेटीकोट के अंदर आपकी गांड पूरी नंगी रहती है।

मैं गूंगी की तरह चुप रही। ये तो साफ़ जाहिर था कि अगर मेरी पैंटी सिकुड़कर दरार में घुस जाती है तो मेरे नितंब नंगे रहेंगे। वह मुझसे इसका क्या जवाब चाहता था?

वैसे उसकी बात सही थी क्यूंकी असल में होता तो यही था।

गोपालजी--दीपू तुम्हे समस्या समझ में आई?

दीपू--जी. ये पदमा मैडम की समस्या की तरह ही है।

गोपालजी--पदमा मैडम? कौन पदमा?

दीपू--जी आप उनको नहीं जानते। पिछले साल मैं शहर की एक दुकान में काम कर रहा था ये तब की बात है।

गोपालजी--अच्छा। मेरी एक कस्टमर भी पदमा है पर वह मुझसे सिर्फ़ ब्लाउज सिलवाती है।

मैं उन दोनों मर्दों की बातचीत सुन रही थी।

गोपालजी--मैडम, सुना आपने। ये सिर्फ़ आपकी समस्या नहीं है। दीपू उसकी क्या समस्या थी?

दीपू--जी, पदमा मैडम की समस्या ये थी की चलते समय उसकी पैंटी दाहिनी साइड से सिकुड़कर बीच में आ जाती थी।

"और इस समस्या का हल कैसे निकला?"

पहली बार मैं जवाब सुनने के लिए उत्सुक थी।

दीपू--उसकी टाँगों की लंबाई में थोड़ा-सा अंतर था और ये जानने के बाद हमने उसी हिसाब से उसकी पैंटी सिल दी और उसकी समस्या दूर हो गयी।

गोपालजी--मैडम, मैंने पहले भी बताया है कि सबसे पहले आपकी पैंटी में पीछे से ज़्यादा कपड़ा चाहिए. उसके अलावा थोड़ा-सा मोटा कपड़ा और एक अच्छा एलास्टिक लगा देने से आपकी समस्या हल हो जाएगी।

"ठीक है गोपालजी l "

गोपालजी--दीपू नोट करो की जब मैं मैडम की पैंटीज सिलू तो ट्विल कॉटन 150 यूज करना है।

दीपू ने अपनी कॉपी में नोट कर लिया।

गोपालजी--ठीक है मैडम, अब प्लीज़ पीछे मुड़ो और मैं साबित करता हूँ की दीपू की बात ग़लत है।

मैं तो बिल्कुल भूल ही गयी थी की गोपालजी और दीपू के बीच मेरी पैंटी के बैक कवरेज को लेकर बहस हुई थी और अब जबकि मैं इस वर्बल ह्युमिलिएशन को सहन कर रही थी तो अब फिज़िकल ह्युमिलिएशन की बारी आने वाली थी।

गोपालजी--मैडम, प्लीज़ टाइम वेस्ट मत करो।

मैंने दांतों में होंठ दबाए और धीरे से पीछे को मुड़ने लगी। मेरी पीठ और बाहर को उभरे हुए नितंब दीपू और गोपालजी को ललचा रहे थे। मैं ऐसे खड़े होकर शरम से मरी जा रही थी क्यूंकी मुझे मालूम था कि उन दोनों मर्दों की निगाहें मेरी कद्दू जैसी गांड पर ही गड़ी होंगी।

गोपालजी--शुक्रिया मैडम। दीपू अब मुझे ये बताओ की मैडम की पैंटी लाइन कहाँ पर है।

दीपू--जी अभी देखकर बताता हूँ।

पैंटी लाइन? मेरे दिल की धड़कने रुक गयी। पर इससे पहले की मैं और कुछ सोच पाती मुझे साड़ी से ढके हुए अपने नितंबों पर हाथ महसूस हुए जो की मेरे नितंबों को कसके पकड़े हुए थे। दीपू ने अपने हाथों से दो तीन बार मेरे नितंबों को दबाया और मेरे होंठ अपनेआप खुल गये। मेरा सांस लेना मुश्किल हो गया और मैंने अपनी भावनाओ पर काबू पाने की भरसक कोशिश की।

गोपालजी--मैडम के कपड़ों के बाहर से तुम्हे पैंटी महसूस हो रही है क्या?

दीपू--जी गोपालजीl

ऐसा कहते हुए उसने मेरे मांसल नितंबों पर अपनी अँगुलियाँ फिरानी शुरू की और जल्दी ही उसको मेरी साड़ी और पेटीकोट के बाहर से पैंटी लाइन मिल गयी। मुझे महसूस हुआ की दीपू मेरी भारी गांड के सामने झुक गया है और अपने घुटनो पर बैठकर दोनों हाथों से मेरी पैंटी के कपड़े के ऊपर हाथ फिरा रहा है। इस हरकत से कोई भी औरत कामोत्तेजित हो जाती और मैं भी अपवाद नहीं थी।

दीपू के हाथों को मैं अपनी बड़ी गांड के ऊपर घूमते हुए महसूस कर रही थी और अब पैंटी को छोड़कर उसकी अँगुलियाँ बीच की दरार की तरफ़ बढ़ गयी। लगता था कि दीपू को मेरे नितंबों का शेप बहुत पसंद आ रहा था और जैसे-जैसे उसकी अँगुलियाँ मेरी साड़ी को बीच की दरार में धकेल रही थी वैसे-वैसे मेरे नितंबों का उभार सामने आ रहा था।

गोपालजी--क्या हुआ? लगता है तुम्हे मैडम की बड़ी गांड बहुत भा गयी है ।हा! हा! हा!

टेलर की हँसी कमरे में गूँज रही थी और उन दोनों मर्दों के सामने मेरी हालत को बयान कर रही थी।

दीपू--गोपालजी चाहे आप कुछ भी कहो पर मैडम की गांड बहुत ही शानदार है। सुडौल भी है और मक्खन की तरह चिकनी और मुलायम भी है । क्या माल है।

मैं अपने दांतों से होंठ काट रही थी और उनके अश्लील कमेंट्स को नज़रअंदाज करने की कोशिश कर रही थी। लेकिन मेरा बदन इन कामुक हरकतों को नज़रअंदाज़ नहीं कर पा रहा था।

मुझे साफ़ समझ आ रहा था कि पैंटी लाइन ढूँढने के बहाने दीपू मेरे नितंबों से मज़े ले रहा है। उसने मेरे बाएँ नितंब पर अपना अंगूठा ज़ोर से दबा दिया और बाक़ी अंगुलियों से मेरी पैंटी लाइन के एलास्टिक को पकड़ लिया। मेरा बदन इतना गरम होने लगा था कि मुझे हल्के से हिलना डुलना पड़ा। मुझे खीझ भी हो रही थी और कामोत्तेजना भी। दीपू मेरी बड़ी गोल गांड को दोनों हाथों से दबाने में मगन था। सच कहूँ तो उसकी इस कामुक हरकत से मैं कामोत्तेजित होने लगी थी। वह पैंटी लाइन ढूँढने के बहाने बिना किसी रोक टोक के मेरे नितंबों को मसल रहा था।

दीपू--गोपालजी, मिल गयी पैंटी लाइन, ये रही।

ऐसा कहते हुए उसने मेरी साड़ी के बाहर से मेरी पैंटी के किनारों पर अपनी अंगुली फेरी। उत्तेजना से मेरे बदन में इतनी गर्माहट हो गयी थी की मेरा मन हो रहा था कि साड़ी उतार दूं और सिर्फ़ ब्लाउज और पेटीकोट में खड़ी रहूँ।

गोपालजी--कहाँ? मुझे देखने दो।

मुझे एहसास हुआ की अब गोपालजी भी मेरे पीछे दीपू के पास आ गया। वह भी झुक गया और मेरी उभरी हुई गांड के पास अपना चेहरा ले आया। क्यूंकी दीपू लगातार मेरे नितंबों पर हाथ फेर रहा था इसलिए मैं स्वाभाविक रूप से हल्के से अपनी गांड को हिला रही थी। मैं जानती थी की दो मर्दों के सामने इस तरह साड़ी के अंदर मेरी भारी गांड को हिलाना बड़ा भद्दा लग रहा होगा लेकिन ऐसा करने से मैं अपनेआप को रोक नहीं पा रही थी।

अब मुझे एहसास हुआ की गोपालजी का हाथ भी मेरी गांड को छू रहा है।

गोपालजी--हम्म्म! मैडम, मुझे पैंटी लाइन को महसूस करने दो तभी मुझे मालूम पड़ेगा की ये आपके नितंबों को कितना ढक रही है।

कहानी जारी रहेगी

137 Followers
Please rate this story
The author would appreciate your feedback.
  • COMMENTS
Anonymous
Our Comments Policy is available in the Lit FAQ
Post as:
Anonymous
Share this Story

READ MORE OF THIS SERIES

Next Part
Previous Part


eroticaliteratica/c/anal-sex-stories/4-page?page=21"literotica crossdressing"lireroticainstalling calbe tv mom and daughter literoticaLiterotica sex stories a nude wedding tabooUnexpected Home Movies Ch. 01 - NonConsent/ReluctanceLong family Roadtrip incest stories 3wife reunion literoricaincest bdsm daddy gangbang humiliation master slut stories lierotica"lit er ot ica"Giantess Linda shrinks him he cums his pants as he went down her throatWalkin naked around the house illustrated literoticaeDaughter in ballerina outfit incest storiesfucked her in crowd storyliterotica.com - matured: with kisses, with hands and fingers, with mouth, lips and tongue i worshiped her bodylucy reveng iterotica"literotica stories""nipple torture""hucow literotica"edging clit lick cockring literoricaDruid oviposition storiesliterotica "loving wives" "no kissing"I.literotict Incest mother and son welcome home my love ch 1KJLarson the last guest"literotica tags"pakistani adultry incast sex storiesChaddi kholo Mujhe chodna hai Tumhenlitertica the shedIndian literorica auntmarumagalai madakki otha mamanar Tamil latest family sex storiesliterotica avatar of fhe golden nymphmom son heir claim literoticaMartin Coronation Street sex cockErotic tales of married mom son and entitiessarath business partner sex"lesbians sex"Literotica mature wattpadMobile home Fucking her hard on a waterbed sex stories"cum in me" heels Stormbringer literotica.compersiankittyliterotica./you stand behind me and i feel your cock.i moan and thurst on you. /erotic couplingsMastur penis briefs lush storyliterotica com nurses"milf literotica""wife pussy"Geek's big brake.sex story"lesbian facesitting""blowjob literotica""literotica loving wives"manipulating jenny sex storiesErotic lesbian stories of student tribbing"mobile sex games"literotica rathe pol triss"adult stories"udders teats asstr hucowHot college sex in skintight micro mini skirts literoticaliteroti a fibarolyricsmaster daughter pregnant"sissy literotica"मी त्याचा लंड हलवलाA Mother’s Seduction taboo stories"literotica harem""literotica brother sister"jimmy dilemma Literotica redditSperm donor literotica"young incest story""milf literotica"black gardener literoticaexhentai