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अम्मी बनी सास 087

Story Info
बदलने लगे रिश्ते
10.5k words
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Part 87 of the 92 part series

Updated 06/10/2023
Created 05/04/2021
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अम्मी बनी सास

PART 087

बदलने लगे रिश्ते

"ओह अब तुम्हारी तरह मुझे भी अपने बेटे ज़ाहिद के इस मोटे और लंबे लंड को अपनी चूत में लिए बिना चैन नही आएगा मेरी बचिईीईईईईईई!" शाज़िया की बात का जवाब देते हुए रज़िया बीबी ने शाज़िया की चूत से अपना मुँह अलग किया। और शाज़िया की खुली टाँगों के दरमियाँ से उठ कर अपनी बेटी के जिस्म के बिल्कुल उपर आन कर लेट गई।

जिस की वजह से दोनो माँ बेटी के चेहरे एक दूसरे के बिल्कुल आमने सामने आ गये।

ज़ाहिद का लंड को उस की अम्मी रज़िया बीबी की प्यासी मोटी फुद्दि ने पीछे से इस तरह अपने अंदर जकड़ा हुआ था।

कि रज़िया बीबी के इस तरह उठ कर अपनी बेटी शाज़िया के जिस्म के बिल्कुल उपर लेटने के अमल के दौरान ज़ाहिद का लंड एक लम्हे के लिए भी उस की अम्मी की चूत से बाहर स्लिप नही हुआ।

बल्कि ज़ाहिद तो किसी कटी पतंग की डोर की तरह अपनी अम्मी की गान्ड से ही अभी तक चिमटा हुआ था।

जब कि उस का मोटा और लंबा लंड अपनी अम्मी के फुद्दे में पूरी रफ़्तार से अंदर बाहर हो रहा था।

"ओह में किस मुँह से तुम्हारा शुक्रिया अदा करूँ कि जो तुम ने मुझे आज इतना अनमोल तोहफा दिया है मेरी बचिईीईईईईईई!" रज़िया बीबी ने आगे बढ़ कर अपनी बेटी शाज़िया के गुदाज होंठो को अपने होंठो में ले कर चूमा।

तो रज़िया बीबी के होंठो और ज़ुबान पर लगा हुआ शाज़िया की अपनी चूत का पानी रज़िया बीबी के होंठो से शाज़िया के मुँह में मुन्तिकल होने लगा।

"ओह अम्मी आज मेने आप को भाई का लंड दिला कर ना सिर्फ़ आप के अपने उपर किए गये अहसान का बदला चुकाया है, बल्कि ज़ाहिद भाई को भी,आज आप की फुद्दि की शकल में, उन की साल गिरह का एक तोहफा दिया है मेंने।" शाज़िया ने अपनी अम्मी के होंठो को अपने दाँतों से काटते हुए कहा।

"ओह शाज़िया, मेरे बर्थदे पर मुझे इतना गरम,मज़ेदार और स्वाद वाला तोहफा देने पर में भी उमर भर तुम्हारा अहसान मंद रहूं गा मेरी जान,क्यों कि मेरे लिए अपनी अम्मी की इस गरम फुद्दि से बढ़ कर कोई और तोहफा नही हो सकता शाज़ियास्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सूओ!"अपनी बहन की बात सुन कर ज़ाहिद और जोश में आया। और पीछे से अपनी अम्मी के उपर लेट कर रज़िया बीबी की नंगी कमर को अपने होंठो से चूमने लगा।

ज़ाहिद को वाकई ही पूरी ज़िंदगी में किसी ने इतना जबारजस्ट साल गिरह का तोहफा नही दिया था।

जितना आज उसे अपनी बहन और बीवी शाज़िया ने अपनी ही सग़ी अम्मी को गरम और प्यासी चूत की शकल मे पेश किया था।

और अपनी अम्मी के गरम वजूद को एक तोहफे की शकल में हाँसिल कर ज़ाहिद का दिल और लंड दोनो ही बाघ बाघ हो चुके थे।

ज़ाहिद अपनी अम्मी की नंगी नमकीन कमर को अपने गरम ज़ुबान से चूमते और अपने तेज दाँतों से काटते हुए अपनी अम्मी रज़िया बीबी के जिस्म पर अपने प्यार के निशान चिस्पान करता हुआ अपना लंड बदस्तूर अपनी अम्मी की गरम चूत की तह में पेल रहा था।

ज़ाहिद का मोटा और लंबा लंड आज अपनी अम्मी रज़िया बीबी की चूत की उन गहराइयों में पहुँच रहा था।

जहाँ ज़ाहिद के मेरहूम अब्बू के लंड ने पहुँचने का कभी तसव्वुर भी नही किया था।

ज़ाहिद का लंबा और सख़्त लंड आज अपनी अम्मी की उस बच्चे दानी तक पहुँच कर ठोकरे मारने लगा। जिस बच्चे दानी में खुद ज़ाहिद ने पूरे 9 महीने गुज़ारे थे।

रज़िया बीबी की बच्चे दानी को पीछे से अपने बेटे ज़ाहिद के लंड के ज़ोर दार धक्के लग रहे थे।

और वो आगे से अपनी बेटी शाज़िया के मुँह में मुँह डाले ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी " क्या लंड है तुम्हारा मेरे बच्चेयययययी!, आआहह! म्म्म्मगमममममममम! ऊऊहहमाआआआआआअ! तुम्हारा लंड पूरा अंदर तक टकरा रहा है,जोर्र्र्ररर! से और ज़ूओर! सेययययी! मेरे बच्चे आज फाड़ दे अपनी अम्मी की फुद्दि को,आआहह,ऊवू!"

"आप ज़रा सीधी हूँ जाए अम्मी" कुछ देर रज़िया बीबी को घोड़ी बना कर चोदने के बाद ज़ाहिद अपनी अम्मी की फुद्दि से अपना मोटा लंड बाहर निकाल कर बिस्तर के साथ ही फर्श पर खड़ा हो गया।

"रुकूऊऊ! नहियीईईईई! चुदूऊऊ! मुझे यययययी! बएटााआआआअ!" अपने जवान लंड का जादू अब रज़िया बीबी की चूत पर चल चुका था।

जिस की वजह से रज़िया बीबी को अपने बेटे ज़ाहिद के लंड से एक लम्हे की दूरी भी अब बर्दाश्त नही हो रही थी।

इसीलिए ज़ाहिद ने ज्यों ही अपनी अम्मी की फुद्दि से अपना लंड निकाला। तो रज़िया बीबी एक दम से शाज़िया के जिस्म के उपर से उठी। और अपनी चूत के सफेद पानी से तर अपने बेटे ज़ाहिद के लंड को देखते हुए बेचैनी से चिल्ला उठी।

"आप फिकर क्यों करती हैं,आप की ये फुद्दि ऐसी नही कि जिसे एक बार चोद कर ही किसी का दिल भर जाए, असल में अब मेरा दिल आप को अब एक दूसरे तरीके से चोदने को चाह रहा है अम्म्मी" ये कहते हुए ज़ाहिद ने बिस्तर पर बैठी रज़िया बीबी के भारी वजूद को अपनी बाहों में जकड कर उपर की तरफ उठाया।

तो रज़िया बीबी का वज़नी जिस्म उस के बेटे ज़ाहिद की मज़बूत बाहों में लिपट कर इस तरह हवा में उपर होता चला गया। जैसे रज़िया बीबी कोई भारी वजूद वाली औरत नही बल्कि मों की बनी कोई गुड़िया हो।

"ये क्या कर रहे तुम,में बहुत वज़नी हूँ,तुम मेरे भारी जिस्म का बोझ बर्दास्त नही कर सकोगे, मुझे नीचे उतारो बेटा" रज़िया बीबी ने ज्यों ही ज़ाहिद को उस के जिस्म अपनी बाहों में कस कर उपर उठते महसूस किया। तो रज़िया बीबी एक दम घबरा गई और ज़ाहिद से उसे नीचे उतारने की ज़िद करने लगी।

इस घबराहट के आलम में रज़िया बीबी ने अपनी टाँगे ज़ाहिद की कमर के गिर्द लपेट लीं।

जब कि उपर से रज़िया बीबी ने अपनी बाहें ज़ाहिद के गले में डाल कर अपने नंगे जिस्म को अपने जवान बेटे के जिस्म से चिपका लिया।

इधर ज्यों ही ज़ाहिद ने अपनी अम्मी की चौड़ी गान्ड की पहाड़ियों को अपने हाथ में जकड कर अपनी अम्मी के भारी जिस्म को उपर उठाया।

तो रज़िया बीबी की चूत के पानी से भीगा हुआ ज़ाहिद का लंड कमरे की छत की तरफ मुँह कर के अकड कर खड़ा हो गया।

"उफफफफफफफफफफ्फ़! अम्मी की चूत का पानी भाई के लंड पर चमकता हुआ कितना अच्छा लग रहा है" बिस्तर पर लेटी शाज़िया ने ज्यों ही अपनी अम्मी की फुद्दि के पानी को अपने भाई के लंड पर लगे देखा। तो उस के मुँह में पानी आ गया और शाज़िया के सबर का पैमाना लबरेज़ हो गया।

शाज़िया लेटे लेटे ही एक दम से सरक कर बिस्तर कर किनारे पर आई।

और उस ने अपनी अम्मी की फुद्दि के ताज़ा पानी से तर अपने भाई के लंड को अपने मुँह में भर कर लंड पर लगे हुए अम्मी की चूत के नमकीन पानी को चाटना शुरू कर दिया।

"ओह शाज़िया मुझे खुशी है कि मुझे तुम जैसी प्यार करने वाली बीवी मिली है मेरी जानंनननणणन्" अपनी बहन के गरम मुँह को अपने लंड की सफाई करता महसूस कर के ज़ाहिद मज़े से सिसकार उठा।

अपने मोटे लंड को तेज़ी से अपनी बहन शाज़िया के लबों पर रगड़ते हुए ज़ाहिद ने जोश में अपनी अम्मी के जिस्म को अपनी बाहों में कस कर जकड़ा तो ज़ाहिद की नंगी छाती और उस की अम्मी रज़िया बीबी के मोटे मोटे पुस्टन (मम्मे) पहली बार आपस में टकराए।

आज अपनी अम्मी की गुदाज छातियों को अपनी सख़्त जवान छाती से चिमटा पा कर ज़ाहिद का लंड मज़ीद सख़्त हो गया।

और वो मज़ीद जोश में आ कर ज़ोर ज़ोर से अपनी बीवी/बहन के मुँह को चोदने लगा।

ज़ाहिद इस से पहले भी कई दफ़ा अपनी बहन शाज़िया के भारी जिस्म को इसी तरह अपनी बाहों में उठा कर खड़े खड़े चोद चुका था।

इसीलिए उसे इस स्टाइल में मोटी और भारी वज़न वाली औरतों को चोदने में काफ़ी प्रॅक्टीस थी।

ज़ाहिद इस से पहले भी कई दफ़ा अपनी बहन शाज़िया के भारी जिस्म को इसी तरह अपनी बाहों में उठा कर खड़े खड़े चोद चुका था।

ये ही वजह थी कि ज़ाहिद ने अपनी अम्मी की बात को अनसुनी करते हुए शाज़िया के मुँह से अपना लंड निकला।

और इस के साथ ही अपने बाजुओं में जकडे हुए अपनी अम्मी रज़िया बीबी के मोटे जिस्म को कमर से पकड़ कर थोड़ा सा नीचे किया।

तो शाज़िया ने अपने भाई ज़ाहिद के तने हुए लंड को अपने हाथ में पकड़ कर नीचे से अपनी अम्मी की पानी छोड़ती चूत के मुँह से लगाया।

"ऊहह!" ज्यूँ ही शाज़िया के मुँह के थूक से भरे लंड ने एक बार फिर से रज़िया बीबी की चूत को टच किया। तो रज़िया बीबी के जिस्म ने एक जदगारी ली।

अपनी अम्मी की गरम गीली और मुलायम चूत के चिप चिप करते होंठो पर अपने लंड को महसूस करते ही ज़ाहिद अपने घुटनों को मोड़ते हुए थोड़ा नीचे हुआ फिर एक दम से उपर को उठा।

तो ज़ाहिद का लंड अपनी अम्मी की फुद्दि के होंठो के दरमियाँ से अपना रास्ता बनाता हुए रज़िया बीबी की चूत में दुबारा घुस गया।

"हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई! बएटााआआआआआअ!कियआआअ! शानदार चोदते हो तुम" ज्यों ही ज़ाहिद का लंड रज़िया बीबी की बे करार चूत में दुबारा दाखिल हुआ। तो रज़िया बीबी की तपती चूत को एक सकून से महसूस हुआ।

रज़िया बीबी की चूत में तो पहले ही आग लगी हुई थी। इसीलिए ज्यों ही ज़ाहिद का मोटा लंड रज़िया बीबी की चूत के होंठो से स्लिप हो कर फुद्दि के अंदर आया। तो रज़िया बीबी की गीली चूत ने "शारपप्प्प्प्प!" से अपने बेटे ज़ाहिद के मोटे लंड को अपने अंदर निगल लिया।

अपनी अम्मी के जिस्म को अपने बाजुओं में उठाने की वजह से रज़िया बीबी और ज़ाहिद की आँखे पहली बार एक दूसरे से मिलीं।

तो दोनो माँ बेटे की आँखों में क़ैद एक दूसरे के लिए जिन्सी प्यार उबल कर बाहर निकल आया।

ज़ाहिद ने अपनी अम्मी की आँखों में आँखे डालते हुए अपने मुँह को आगे किया। और पहली बार अपनी अम्मी के रस भरे हुए होंठो के उपर अपने होंठो को रख दिया।

"ओह अम्मिईीईईई! जाअंन्नँनननणणन्!" ज़ाहिद ने अपनी अम्मी के होंठो को अपने दाँतों से काटा।

तो रज़िया बीबी सिसक उठिईीई!" हाईईईईईईईईईईईई! काटूऊऊ! मात्त्तटटटतत्त! बएटााआआ!"।

दोनो माँ बेटा के होंठो पहली बार आपस में मिले। तो दोनो के होंठो की गर्मी ने एक दूसरे के वजूद को मज़ीद गरमा दिया।

ज़ाहिद ने अपनी अम्मी के मुँह में अपनी ज़ुबान डाली और दोनो माँ बेटे की ज़ुबान एक दूसरे से अपनी लड़ाई लड़ने लगी।

रज़िया बीबी के होंठो को चुसते चुसते ज़ाहिद ने अपनी अम्मी के भारी मम्मे को अपनी हाथ की गिरफ़्त में लेने की कोशिश की।

मगर रज़िया बीबी के 42 ड्ड मम्मा इतना मोटा और बड़ा था। कि वो ज़ाहिद के हाथ में पूरा नही समा पाया।

"उफफफफफफफफफफफफ्फ़! आप के मम्मे तो मेरी बीवी शाज़िया से भी ज़्यादा सॉफ्ट और बड़े हैंन्नननननननणणन्!अम्मिईीईईईईईई!" ज़ाहिद ने अपनी अम्मी की आँखों में देखते हुए प्यार से कहा। और फिर अपने हाथ से अपनी अम्मी के मोटे मम्मे के साथ खेलने लगा।

ज़ाहिद अपनी अम्मी के मम्मे दबाए जा रहा था। और उन के मम्मो के पिंक निपल को मसल रहा था और खींच रहा था।

"आआआआआअ! बडूऊऊऊऊओ! मेरे इन मम्मो और निपल्स को ज़ाहिद,ये बहुत अरसा तरसे हैं किसी मर्द के हाथों के लामास को बेटा" ज्यों ही ज़ाहिद के गरम हाथों ने अपनी अम्मी की भारी छातियों को छुआ। तो आज इतने सालों बाद किसी मर्द के हाथों का स्वाद पा कर रज़िया बीबी के मम्मो के निपल्स तन कर मज़ीद अकड़ गये।

"ओह्ह्ह्ह! ओह्ह्ह्ह! ज़ाहिद्द्द्द्द्द्दद्ड! मेरे मम्मो को को चूसो गे भी या बस दबाते ही रहो गे,इन को चूसो ना बएटााआआअ!"। रज़िया बीबी अपने बेटे के हाथों के लामास को अपनी छातियों पर महसूस कर के सिसकियाँ ले रही थी।

"आप की इन मोटी छातियों को अपने मुँह में लेने के लिए तो में कब से तरस रहा हूँ अमिीईईईईईई" अपनी अम्मी की बात सुन कर ज़ाहिद ने जवाब दिया। और साथ ही अपनी अम्मी का एक मम्मा पकड़ कर उस को पागलों की तरह चूसने लगा और दूसरे मम्मे को साथ साथ दबाने लग गया।

ज़ाहिद अपनी अम्मी के मोटे निपल्स के उपर अपनी गरम ज़ुबान फेरता और फिर अपने अम्मी के मोटे मम्मे के गोश्त को अपने मुँह में भर कर निपल्स के इर्द गिर्द वाले हिस्से को चूमता और चाट्ता था।

ज़ाहिद आज ज़िंदगी में पहली बार अपनी अम्मी के उन मोटे मम्मो को अपने मुँह में ले कर चूसने में मगन था। जिन मम्मो से उस ने कभी अपने बचपन में दूध पिया था।

ज़ाहिद को आज अपनी अम्मी के मम्मो को चुसते हुए बहुत मज़ा आ रहा था।

इसीलिए अब ज़ाहिद अब अपनी अम्मी के मम्मो को चूसने के साथ साथ कभी कभी वहशियाना तरीके से काट भी रहा था।

जिस की वजह से रज़िया बीबी के मम्मो पर ज़ाहिद के दाँतों के निशान भी बन गये थे।

आज कितने सालों बाद किसी मर्द की गरम ज़ुबान और मुँह को अपनी भारी छातियों पर चलता हुआ महसूस कर के रज़िया बीबी मज़े से पागल हो रही थी।

रज़िया बीबी ने इस मज़े के आलम में अपनी आँखे बंद कर लीं और सिसकियाँ लेने लग गई "आआहह! ज़ाहिद और चूवसूओ आहह दाँत से नही काटो प्लज़्ज़्ज़्ज़! ह मेरी जान बोहोत मज़ा आ रहा है। आअहह! चूवस! लूऊ! उम्म्म्मम! उम्म्म्म! ऊहह!"

ज़ाहिद अपनी अम्मी के मम्मो को चूसने के दौरान अपनी अम्मी को अपनी बाहों में उठा कर कमरे के फर्श पर खड़ा हो कर ज़ोर ज़ोर से अपनी अम्मी की फुद्दि को चोद भी रहा था।

ज़ाहिद अपने जिस्म को हल्का सा नीचे ले जा कर अपना लंड को थोडा से बाहर निकालता। और फिर एक ज़ोर दार धक्का उपर की तरफ मार कर अपना लंड जड़ तक अपनी अम्मी की चूत में घुसा देता।

ज़ाहिद का लंड उस की अम्मी की चूत की दीवारों से एक दम चिपक कर रगड़ता हुआ पूरा अंदर तक घुस जाता था।

"उफफफफफफफफ्फ़!, ओह! अम्मी की फुद्दि बहुत सालों से प्यासी है,आज अपनी अम्मी की चूत में अपने लंड का पानी डाल कर इस चूत की प्यास बुझा दो भाईईईईईईईईईईईईईई!" रज़िया बीबी और ज़ाहिद की चुदाई के इस खेल को बिस्तर पर लेटी शाज़िया बहुत गौर से देख रही थी। और अपने भाई को अपनी ही अम्मी की फुद्दि चोदते देख कर शाज़िया मस्ती में अपनी चूत के साथ खेलने में भी मसरूफ़ थी।

ज़ाहिद इस वक्त अपनी अम्मी के जिस्म को अपनी बाहों में उठा कर कमरे में बिछे हुए बिस्तर के नज़दीक खड़े हो कर अपनी अम्मी की चूत की धुआँ धार चुदाई करने में मसरूफ़ था।

ज़ाहिद की इस जबर्जस्त चुदाइ ने रज़िया बीबी की चूत को पानी पानी कर के रख दिया था।

रज़िया बीबी की चूत इस वक्त इतना पानी छोड़ रही थी। कि अब उस की चूत का पानी ज़ाहिद के लंड से होता हुए ज़ाहिद के मोटे आंडों को भी गीला कर रहा था।

"क्यों ना में नीचे से अपने भाई के आंडों पर लगे अम्मी की चूत के जूस को चाट कर अपनी अम्मी और भाई के लंड और चूत के मिक्स पानी का स्वाद चेक करूँ।" ये सोच कर शाज़िया बिस्तर के करीब खड़े हुए अपने भाई ज़ाहिद की टाँगों के दरमियाँ आई।

और बिस्तर पर लेट कर ही नीचे से अपने भाई के जूस भरे आंडों को अपनी ज़ुबान से चूसने लगी।

"हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई! शाज़ियास्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स! अम्मी की फुद्दि तो मुझे आज भी इनता मज़ा दे ही रही है,मगर तुम्हारे मुँह की इन हरकतों ने भी मुझे पागल कर कर रख दिया है मेरी जान" ज्यों ही शाज़िया की गरम और नुकीली ज़ुबान अपने भाई के फूले हुए बड़े आंडों से टकराई तो ज़ाहिद मज़े से चिल्ला उठा।

अब कमरे में ये हालत थी। कि ज़ाहिद अपनी अम्मी को अपनी बाहों में उठा कर अपने बड़े लंड से रज़िया बीबी के मोटे फुद्दे को तेज़ी से चोदने में मसरूफ़ था।

जब कि नीचे से शाज़िया अपने भाई के लंड और आंडों पर लगे हुए अपनी अम्मी की चूत के पानी को अपनी ज़ुबान से चाट चाट कर सॉफ करने में मसगूल थी।

जब कि दोनो माँ बेटे के चूत और लंड के आपस में टकराने से कमरे में "थॅप थॅप" की आवाज़े गूँज रही थी।

थोड़ी देर मज़ीद अपनी अम्मी की फुद्दि को इसी पोज़िशन में चोदने के बाद ज़ाहिद ने अपनी अम्मी रज़िया बीबी को बिस्तर पर लेटी शाज़िया के पहलू में लिटाया। और खुद बिस्तर पर चढ़ कर अपनी अम्मी के फुद्दे में अपना लंड फिर से पेलने लगा।

रज़िया बीबी की फुद्दि अपने बेटे के मोटे और बड़े लंड से चुद चुद कर अब एक पूरा फुद्दा बन चुकी थी।

मगर इस के बावजूद ज़ाहिद का लंड अपनी अम्मी की चूत में ऐसे फिट हो रहा था। ऐसे किसी बॉटल में कॉर्क फिट हो जाता है।

रज़िया बीबी के मुँह से तेज तेज सिसकारियाँ निकल रही थी। और वो भी अब अपनी गान्ड को नीचे से उठा उठा कर अपने बेटे के मोटे लंड को पूरे का पूरा अपनी फुद्दी के अंदर समेत लेना चाह रही थी।

शाज़िया ने अपने भाई ज़ाहिद और अपनी सहेली नीलोफर की चुदाई की वीडियोस तो देखी हुई थी।

मगर आज अपनी आँखों के सामने और एक ही बिस्तर पर अपने भाई को इतने जोश और मज़े से अपनी ही सग़ी अम्मी की चुदाइ करता देख कर शाज़िया की चूत में भी एक आग लगी हुई थी।

जिसे वो अपनी हाथ की उंगलियों के साथ बुझाने की नाकाम कोशिश में मसरूफ़ थी।

अपने पहलू में लेटी हुई अम्मी के फुद्दे के अंदर बाहर होते अपने भाई ज़ाहिद के मोटे लंड को देख कर शाज़िया बेचैन हुई। तो वो एक दम बिस्तर से उठ कर अपने भाई ज़ाहिद के नज़दीक गई।

और अपने शोहार/भाई की आँखों में आँखे डाल कर ज़ाहिद से पूछने लगी"मेरी फुद्दिईईईईईई! ज़्यादा मज़े दार है या मेरी अम्मी की भाईईईईईईईईईई!"

"ओह शाज़ियास्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स! तुम दोनो माँ बेटी की चूतो में इतनी गर्मी और इतना स्वाद है कि में ज़िंदगी भर तुम दोनो को चोद चोद कर भी, कभी ये फ़ैसला नही कर पाऊँ गा, कि अम्मी की चूत मुझे ज़्यादा अच्छी लगी है या तुम्हारी,मेरी बहनाआआआअ!" ज़ाहिद ने जोश से अपनी अम्मी की चूत में अपने लंड घुमाते हुए शाज़िया को जवाब दिया।

रज़िया बीबी को उस की शादी शादी शुदा ज़िंदगी में ज़ाहिद के अब्बू ने बिस्तर पर कमर के बल लिटा कर हमेशा एक ही तरीके से चोदा था।

मगर आज उस का बेटा ज़ाहिद अपनी अम्मी को कई अच्छे तरीक़ो से चोद चोद कर जिन्सी लज़्जत की नई मंज़िलों से पहचान करवा रहा था। जिन मंज़िलों पर पहुँचने का रज़िया बीबी ने आज तक कभी सोचा भी नही था।

रज़िया बीबी की चूत को आज इतने सालों बाद एक जवान मर्द का लंड नसीब हुआ था। जो कि एक मर्द होने के साथ साथ उस का अपना सगा बेटा भी था।

इसीलिए रज़िया बीबी की बूढ़ी फुद्दि अपने जवान बेटे के ज़ोर दार झटकों के आगे हार मानने को हरगिज़ तैयार नही थी।

इसीलिए ज़ाहिद जब उपर से अपना पूरा लौडा अपनी अम्मी के मखमली फुद्दे में डालता।

तो रज़िया बीबी भी नीचे से अपनी गान्ड को बिस्तर से पूरा उपर उठा कर अपनी चूत को अपने बेटे के लंड पर मारती।

इस अमल के दौरान रज़िया बीबी के मोटे और भारी पुस्टन रज़िया बीबी की छाती पर बुरी तरह से उछलते हुए एक दूसरे के साथ टकरा जाते थे।

अपने भाई के हर ज़ोर दार झटके पर अपनी अम्मी के बड़े बड़े मम्मो का हवा में लहराने का ये मंज़र शाज़िया के लिए बहुत ही दिल कश था।

शाज़िया कुछ देर तो अपनी अम्मी के पहलू में लेट कर अपनी अम्मी के मोटे मम्मो को अपनी अम्मी की छाती पर इधर उधर झूमता देखती रही।

फिर शाज़िया को ना जाने किया सूझी कि उस ने आगे बढ़ कर अपनी अम्मी की गुदाज छातियों को अपने मुँह में लिया। और अपने भाई के ज़ोर दार धक्कों के साथ ताल मिलाते हुए अपनी अम्मी के मोटे निपल्स को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी।

रज़िया बीबी की ज़िंदगी में ये लेम्हा इस से पहले कभी नही आया था। जब एक शख्स उस की छातियों को अपने मुँह में ले कर चूस रहा हो।

जब कि कोई दूसरा शख्स नीचे से उस की प्यासी फुद्दि को अपने मोटे लंड से भरपूर ताक़त के साथ चोदने में मसरूफ़ हो।

अपनी ज़िदगी में अपनी ही जवान बेटा और बेटी के हाथों से इस तरह की जिन्सी लज़्जत को हासिल कर के रज़िया बीबी मज़े से बे हाल हो चुकी थी।

जिस की वजह से रज़िया बीबी के मुँह से बार बार सिसकियाँ फूट रही थी।

आज बहुत सालों बाद रज़िया बीबी को चुदाई का इतना मज़े दार मोका नसीब हुआ था।

और इस मोके का फ़ायदा उठाते हुए रज़िया बीबी अपने बेटे के मोटे लंड को सही मायनों में अपनी गरम चूत में एंजाय कर रही थी।

दोनो माँ बेटे के गरम बदन अब पसीना पसीना हो कर बुरी तरह हांप रहे थे।

जब कि पूरे कमरे में "गछ गछ और फॅक फॅक" की आवाज़ गूँज रही थी।

रज़िया बीबी : "ऊहह!,सस्स्स्सीईई!,ज़ाहिद,बहुत मस्त लौडा है, तुम्हारे इस घोड़े जैसे लंड ने तो आआअजजजज मेरी बरसो की प्यास भुजाआअ! दी हाईईईईईई!,बएटााआअ!"।

ज़ाहिद: " अमिीईईईईईईईई!, सच पूछे तो आज आप की चूत ने भी सीधा जन्नत में ही पहुँचा दिया है मुझे ययययी,उफफफफ्फ़ बहुत मज़ा आ रहा है "।

"ज़ाहिद्द्द्द्दद्ड! क्या लंड हाीइ,आआअहह। आह!,में झड रही हूँ बएटााआआअ!" दूसरे ही लम्हे रज़िया बीबी के मोटे जिस्म ने ज़ाहिद की मज़बूत बाहों के हिस्सार में एक ज़ोर दार झटका लिया और रज़िया बीबी की प्यासी चूत अपने जवान बेटे के तगड़े लंड पर अपनी पानी छोड़ने लगी।

रज़िया बीबी की चूत ने इतना पानी छोड़ा कि उस की पूरी चूत पिच पिच करने लगी।

अब रज़िया बीबी की चूत बहुत गीली हो चुकी थी। इसीलिए ज़ाहिद के मोटा लंड पहले से भी ज़्यादा आराम से अपनी अम्मी के मोटे फुद्दे के अंदर बाहर हो रहा था।

"ओह आप की फुददी ने मेरे लंड का पानी भी निकाल दिया हाईईईईईईईईईईईईईई! अम्मिईीईईईईईईईई! जानंननननननननननणणन्!" रज़िया बीबी के छूटते ही चन्द सेकेंड बाद ज़ाहिद को लगा कि अब उस का लंड भी अपना पानी छोड़ने वाला है।

ज़ाहिद ने आगे बढ़ते हुए अपने लंड को पूरी तरह अपनी अम्मी की चूत में धंसा दिया। और इस के साथ ही ज़ाहिद के लंड ने अपने पानी का फव्वारा भी खोल दिया।

ज़ाहिद के मोटे लंड ने एक ज़ोर दार पिचकारी मारी। तो ज़ाहिद का लंड का थिक वीर्य एक गोली की तरह ज़ाहिद के लंड से निकल कर उस की अम्मी की फुद्दि की गहराई में गिरने लगा।

ज्यों ही ज़ाहिद के जवान लंड ने अपना गरम पानी अपनी अम्मी की फुद्दि में उडेलना शुरू किया।

तो रज़िया बीबी को अपने बेटे के तेज धार वाले गरम पानी की वजह से ऐसा लगा । जैसे उस की चूत में सूनामी आ गया हो।

आज इतने सालों बाद किसी मर्द के गरम और गाढ़े वीर्य को अपनी चूत की दीवारों में बैठा पा कर मज़े से रज़िया बीबी चिल्ला उठिईीईईईई!" ओह ज़ाहिद्द्द्द्द्द्दद्ड! मेरे बच्चे"

इस के साथ ही रज़िया बीबी ने ज़ाहिद की कमर के गिर्द अपनी टाँगों को ला कर अपने बेटे के जिस्म को अपने काबू में कसा।

तो ज़ाहिद का लंड अपनी अम्मी की चूत के मज़ीद अंदर तक अपना पानी छोड़ने लगा।

ज़ाहिद के लंड ने आज इतना पानी छोड़ा कि रज़िया बीबी की पूरी चूत अपने बेटे के गाढ़े पानी से भर गई।

अपनी अम्मी की फुद्दि में फारिग होने के बावजूद ज़ाहिद का लंड अभी तक रज़िया बीबी की चूत की तह में जड़ तक धंसा हुआ था।

चन्द सेकेंड बाद ज़ाहिद को ना जाने क्या सूझी के उस ने अपने लंड को एक दम अपनी अम्मी की फुद्दि से निकाला। जो कि अभी तक अपना पानी खारिज कर रहा था।

ज्यों ही ज़ाहिद का लंड अपनी अम्मी की फुद्दि से बाहर आया।

तो शाज़िया ने एक दम अपने हाथ को आगे बढ़ा कर अपने भाई के मोटे लंड को अपने हाथ में काबू किया।

और अपने भाई ज़ाहिद के लंड में बाकी बचे हुए पानी को अपनी अम्मी रज़िया बीबी की चूत के होंठो पर गिराने लगी।

अपने लंड का आखरी क़तरा भी अपनी अम्मी की चूत और पेट के उपर गिरा कर ज़ाहिद निढाल हो गया।

और उस ने अपनी अम्मी के मोटे जिस्म पर लेट कर अपनी मम्मी के भारी मम्मो के दरमियाँ अपना सर रख दिया।

इधर रज़िया बीबी का जिस्म भी पसीने से भर चुका था।

आज ज़ाहिद ने अपनी अम्मी की बूढ़ी हड्डियों को हिला कर रख दिया था।

रज़िया बीबी की चूत वाला हिस्सा तो बिल्कुल सुन्न सा हो गया था।

जिस वजह से अब रज़िया बीबी को ऐसा लग रहा था। कि जैसे आज किसी ने उस की कमर के नीचे वाले हिस्से को काट कर उस के जिस्म से अलग कर दिया हो।

रज़िया बीबी का अंग अंग अपने जवान बेटे की ज़ोर दार चुदाई की वजह से अब दर्द कर रहा था।

ज़ाहिद के मोटे तगड़े लंड ने चोद चोद कर आज अपनी अम्मी की प्यासी चूत की आग तो बुझा दी थी।

मगर इतनी जबर्जस्त चुदाई की वजह से अब रज़िया बीबी की चूत बुरी तरह सूज गई थी।

और वो भी अब अपने बेटे ज़ाहिद और अपनी बेटी शाज़िया के दरमियाँ बिस्तर पर लेटी अपनी बिखरी साँसों को बहाल करने की कॉसिश कर रही थी।

जब कि उस की मोटी सूजी हुई चूत से ज़ाहिद के मोटे लंड का थिक वीर्य बह बह कर रज़िया बीबी की गान्ड से होता हुआ बिस्तर की चादर को गीला कर रहा था।



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