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VOLUME II- विवाह, और शुद्धिकरन
CHAPTER-4
सुहागरात
PART 17
कोई देख रहा है
मेरी नज़र दरवाजे पर पड़ी तो देखा ज्योत्सना हमारी आवाजों से जाग गयी थी और दरवाजे पर खड़ी होकर हमारा पूरा कार्यक्रम देख रही थी जब मैंने उसे देखा तो वो मुस्कुरा दी मैंने उसके एक हाथ को पकड़ कर अपनी ओर खींचा तो वह मेरे ऊपर आ गईl
मैंने उसके बालों से होते हुए उसके चेहरे को पकड़ा और उसके लाल होंठों पर धीरे से किस कियाl
वो सिहर गई और फिर शर्माते हुए लग हुई और अपने जेठानी के पाँव छुए तो ऐश्वर्या ने उसे पुत्रवती होने का आशीर्वाद और सुहागरात की बधाई दी. और फिर बोली माफ़ करना बहुरानी मैं इन्तजार नहीं कर सकी और आपकी सुहागरात के बीच में ही कुमार के पास आ गयी.
तो ज्योत्स्ना बोली महरानी जी आप माफ़ी मत मांगिये इन पर पूरे परिवार का अधिकार है और मुझे ज्ञात है की इन्हे आपके और अन्य रानियों के गर्भाधान की जिम्मेदारी दी गयी है. और वास्तव में मेरा और इनका विवाह भी इसी उदेशय के लिए हुआ है.
फिर ज्योत्सना मेरे साथ चिपक गयी मैंने ज्योत्सना के होंठो को किस किया. और उसके सर को जकड़ केउसके मुंह से अपना मुंह लगा दिया. और वह फिर ओंठ चूसने लगा और और वो मेरे ओंठ चूसने लगी. थोड़ी डर बाद मैं उसका ऊपर का ओंठ चूसना लगा और वो मेरा निचला होंठ चूसने लगी. फिर उसने अपना मुंह थोड़ा सा खोला और मेरी जीभ ज्योत्सना के मुंह में चली गयी.
ज्योत्सना मेरी जीभ चूसने लगी फिर मैं अंजू के मुँह में अपनी जीभ घुमाने लगा और उसके दांतो और मुँह में चारो और अपनी जीभ घुमा दी और फिर उसकी जीभ से खेलने लगा जो भी मैं करता वो भी वही कर उसका जवाब देने लगी मैं जीभ फिराता तो वो भी जीभ फ़ीराणे लगी और इस बीच हमारी लार एक दुसरे के मुँह में आ और जा आरही थी. मैं जीभ फिराता या ओंठ चूसता ऑटो वो भी जीभ फिराती या जीभ चूसती या वह ओंठ चूसती.
वह मेरे साथ लिपट गयी उसका बदन मेरे बदन से चिपक गया उसके दूध मेरी छाती में दब गए थे इस बीच भाभी के हाथ मेरे और ज्योत्सना के बदन पर फिर रहे थे.
हम दोनों एक दुसरे को बेकरारी से चूम रहे थे और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था ।कम से कम १५ मिनट हम एक दुसरे के लबों को चूमते रहे
मेरे हाथ ज्योत्सना के नंगे बदन पर फिर रहे थे उसके बदन और अंगो को मह्सूस कर रहे थे सहला रहे थे कुछ अंगो को दबा रहे थे
तो भाभी बोली कुमार आप बहुरानी के साथ शाही स्नानागार में जाओ और उसे सुगंधित और गुलाब की पंखुड़ियों से भरे सुनहरे शाही बाथ टब के अंदर गर्म पानी से स्नान करवाओ ये उसके लिए बहुत आराम दायक होगा। चलो बाथरूम में जा कर आज इकट्ठे नहाते हैं मेरी जान"मैंने अपनी दुल्हन ज्योत्स्ना से कहा।
मैंने भाभी को आमंत्रित करते हुए कहा भाभी आप भी आयिये. फटाफट चुदाई के बाद अब यह एक लंबे धीमे सत्र का समय था, इसलिए भाभी ने मेरे सुझाव पर सहमति व्यक्त की गुनगुने पानी के भीतर कामुक आनंद कई गुना बढ़ जाता है। अब शाही बाथटब में जाने के लिए बस इतना ही था कि मैं अपनी दुल्हन ज्योत्सना जिसका चेहरा शर्म से गुलाबी था को मेरे पीछे आने के लिए कहूं।
मैंने उस दोनों का हाथ पकड़ा और उन्हें लेकर शाही स्नानागार की तरफ बढ़ा. मैं, मेरी दुल्हन और महारानी दोनों बिलकुल नग्न और उन दोनों की योनि से उनका और मेरे वीर्य का मिलाजुला रस उनकी कोमल मोटी जांघों से नीचे रिस रहा था, महारानी ऐश्वर्या के भूरे रंग के निपल्स, ज्योत्स्ना के गुलाबी निप्पल और मेरा लंड ऊपर और नीचे लहरा रहा था और हमने शाही स्नानगार जो हमारे कक्ष के साथ जुड़ा हुआ था उसमे प्रवेश किया.
स्नानागार में एक सुनहरे रंग का शाही बाथटब था जिसपे सुंदर नकाशी की गयी थी और जो की स्नानागार में प्रज्वलित मोमबतियो और चिरागो के प्रकाश में चमक रहा था. सही बाथटब सुगंधित आउटर केसर युक्त दूध से भरा हुआ था और उसमे गुलाब की पंखुड़िआ और इत्र मिले हुए थे जो की स्नान करने वालों के कामुक आनंद को बढ़ाने की योजना के अनुसार त्यार किया गया था और उसमे कुछ कामुक मुर्तिया और कलाकृतिया लगी हुई थी. सनागार में सुगंधित अगरबत्तिया जल रही थी. इसे लंबे समय तक अनदेखा करना बहुत कठिन था और इसलिए दोनों रानीया और मैं इसमें कूद गए, पहले कुछ मिनटों के लिए हम एक दुसरे पर इधर-उधर छींटे मारते रहे। फिर हमने एक-दूसरे के गीले और दूध में चिकने हो चुके अंगों को पकड़कर, एक-दूसरे को गुदगुदाया ।
मैंने ज्योत्सना को अपनी और खींच लिया तो उसने मुझे एक चुंबन दिया, फिर मैंने उसके अंगो को उस दूध में रगड़ा और धोया और उसके यौन स्थानों पर मैंने ज़्यादा समय लगाया और उसके यौन अंगो और स्तनों के भरपूर छेड़ छाड़ की।
फिर मैंने उस तब के गर्म पानी से उसकी चूत को धोया तो वह आह-आह करने लगी बोली कुमार आपने मुझे बड़ी बेदर्दी से चोदा है और हाथ चूत पर दबा कर बोली देखो चूत कैसे सूज गयी हैl मैंने उसकी चूत की गर्म दूध से सिकाई की तो वह बोली अब कुछ आराम मिला है और वो अपनी चूत में गर्म दूध डाल कर सिकाई करने लगी l
मेरा हाथ ज्योत्सना को गोल गान्ड की पहाड़ियों पर घूम रहा था अब मेरी एक तरफ भाभी थी और दूसरी तरफ ज्योत्स्ना था उसी समय भाभी का हाथ भी ज्योत्स्ना के स्तनों पर था और जब घुमते हुए मेरा हाथ ज्योत्स्ना के स्तनों पर पहुंचा तो उनका हाथ मेरे हाथ से छुआ तो मैंने उसे पकड़ लिया ।
अब ऐश्वर्या भाभी ने मुझे और मैंने भाभी को अपने ऊपर खींच लिया और अपनी बाहों में भर लिया। और भाभी मेरे ऊपर आ गयी और मेरा लंड भाभी की गरम चूत के मुँह पर ठोकरे मार मार कर अंदर जाने की इजाज़त माँग रहा था।
कहानी जारी रहेगी